सिर्फ 40 फीसदी भारतीयों को पता है कि वो बीपी के मरीज हैं

सिर्फ 40 फीसदी भारतीयों को पता है कि वो बीपी के मरीज हैं

ब्‍लड प्रेशर के मरीजों के लिए मई का महीना पूरी दुनिया में इस बार खास है। दरअसल ये तय किया है कि इस महीने में पूरी दुनिया के डॉक्‍टर ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों का रक्‍तचाप यानी ब्‍लड प्रेशर मापेंगे और इस प्रकार उन्‍हें हाई ब्‍लड प्रेशर के बारे में जागरूक करेंगे। ऐसा कदम उठाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्‍योंकि आज भी लोगों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता का स्‍तर बहुत कम है। भारत में हाई बीपी के सारे मरीजों में सिर्फ 40 फीसदी ही अपनी इस बीमारी के बारे में जानते हैं।

क्‍या है हायपरटेंशन या हाई बीपी

लगातार पांच सप्‍ताह तक या इससे ज्‍यादा समय तक अगर किसी का ब्‍लड प्रेशर सामान्‍य से अधिक बना रहे तो उसे हायपरटेंशन कहा जाता है। खास बात ये है कि इस अवस्‍था को कोई विशेष लक्षण नहीं होता है और ये किडनी की खराबी, मष्तिष्‍काघात और लंबे समय तक ईलाज न होने पर अंधता की स्थिति पैदा कर सकता है।

देश में कितने मरीज

एक सामान्‍य अनुमान के अनुसार भारत में इस समय करीब 20 करोड़ हाई बीपी के मरीज हैं। इनमें से सिर्फ 40 फीसदी को पता है कि उन्‍हें ये परेशानी है और इसमें से भी सिर्फ 20 फीसदी लोग इसके निदान के लिए जरूरी कदम उठाते हैं। इसी को ध्‍यान में रखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दुनिया के अलग-अलग हिस्‍से के भागीदारों के साथ मई महीने में रक्‍तचाप की जांच करने के लिए समझौता किया है।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल ने कहा कि भारत में हायपरटेंशन जन स्‍वास्‍थ्‍य पर एक बड़ा बोझ है। भारत में होने वाली सभी मौतों में हायपर टेंशन की वजह से करीब 10.8 फीसदी मौतें होती हैं। पिछले तीस सालों में वयस्‍कों में यह बीमारी तेज गति से बढ़ी है और यह फैलाव शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी हुआ है।

डॉक्‍टर अग्रवाल कहते हैं कि 30 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद लोगों को हर वर्ष नियमित रूप से बीपी की जांच करवानी चाहिए भले ही आपके परिवार में किसी को बीपी, डायबिटीज या जीवनशैली से संबंधित कोई और बीमारी रही हो या नहीं। ऐसे लोग जो बीपी के उच्‍च जोखिम में आते हैं उन्‍हें तो हर महीने बीपी की जांच करवानी चाहिए।

बीपी जीवनभर नियंत्रित रख सकते हैं

हाई ब्‍लड प्रेशर की शिकायत होने पर बहुत से लोग घबरा जाते हैं मगर ये समझने की जरूरत है कि जरूरी और एहतियाती कदम उठाकर इसपर काबू पाया जा सकता है। दवाओं और जीवनशैली में परिवर्तन के द्वारा जीवनभर इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।

कभी कभी दिख सकते हैं लक्षण

आमतौर पर बीपी का कोई लक्षण नहीं होता है मगर कई बार बेहोशी, थकान, सांस की कमी, सिरदर्द और कभी कभी सीने में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं।

कुछ टिप्‍स

अपनी ऊंचाई के अनुसार स्‍वस्‍थ वजन बनाए रखें। नियमित रूप से व्‍यायाम करें। ऐसा भोजन करें जो फल, सब्‍जी और संपूर्ण अनाज से युक्‍त हो। दिनभर में एक छोटे चम्‍मच से कम नमक का इस्‍तेमाल करें। यदि अल्‍कोहल का सेवन करते हैं तो इसकी मात्रा एकदम कम रखें। तनाव लेने से बचें। अपना ब्‍लड प्रेशन नियमित रूप से जांचते रहें और अपने डॉक्‍टर के संपर्क में रहें।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।